Kayakalp of Education system

 उत्तर प्रदेश : स्मार्ट एजुकेशन की  ओर


कोविड  -19 ने देश व दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कोविड ने अर्थव्यवस्था के साथ नौनिहालों की शिक्षा के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। तमाम समस्याओं के बाद प्रदेश के शिक्षा विभाग ने न सिर्फ संकट का हल निकाला ,बल्कि नेक्स्ट जनरेशन एजुकेशन की दिशा में भी अहम कदम बढ़ाया है। शिक्षा व्यवस्था के कायाकल्प के संकल्पो के साथ उठाये गए कदमों से प्रदेश में स्मार्ट एजुकेशन की भी शुरुआत हो गयी है।
साढ़े चार साल पहले तक शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश  की गिनती पिछड़े राज्यों में होती रही है। यहाँ की स्कूली शिक्षा का जिक्र होते ही  कई-कई  कक्षाओं को एक साथ पढ़ा रहे एकमात्र शिक्षक वाले विद्यालयों की तस्वीर दिमाग मे उभरती थी , लेकिन मौजूदा सरकार ने शैक्षिक स्तर में सुधार का बीड़ा उठाया हौ। आधारभूत ढाँचे  में सुधार के साथ शिक्षकों की नियुक्ति पर फोकस किया गया।


90,000 विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प से जुड़े


परिषदीय विद्यालयों में बच्चों और दिव्यांगों के अनुकूल सुविधायें उपलब्ध कराए जाने की दिशा में शिक्षा विभाग ने कदम  उठाये हैं। मुख्यमंत्री जी की ओर से जून 2018 से शुरू की गई ऑपरेशन कायाकल्प योजना के अंतर्गत प्रदेश के 90,000 विद्यालयों में 
' बाल मैत्रिक एवं दिव्यांग सुलभ अभिगम्यता' के अनुरुप 18 अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गयीं। 

विद्यालयों का जियो टैग आधारित अनुश्रवण की भी शुरुआत की गई। ऑपरेशन कायाकल्प में राज्य निधि, समग्र शिक्षा अभियान, ग्राम पंचायत निधि, जिला मिनरल फण्ड एवम अर्बन लोकलबॉडी फण्ड से समन्वय कर जिलों द्वारा कार्य कराए जा रहे हैं।

अंग्रेजी माध्यम में सरकारी स्कूल

सरकारी विद्यालयों में हिंदी माध्यम से शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। अब सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में भी बच्चे अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकें,इस दिशा में कदम बढ़ाया गया।

 खेलकूद के किये खोला ख़जाना

प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को 5000 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 10000 रुपये की राशि खेल सामग्री खरीदने को दी गयी।

DBT

 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं को बैग, जूता- मौज,ड्रेस आदि के किये क्रय राशि Direct Benefit transfer  द्वारा उनके अभिभावकों के खातों में भेजी जा रही है।

कोविड काल में तलाशे नये आयाम

कोविड काल मे विभाग ने खुद को आधुनिक तौर तरीके से लैस किया। निष्ठा कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। 

समेकित शिक्षा 

सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए विभाग ने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष प्रबंध कर एक्सीलेरेटेड कैम्प सहायक उपस्कर, उपकरण के साथ ही नहीं दृष्टि दिव्यांग छात्रों के लिए ब्रेल पाठ्यपुस्तकों का मुद्रण कराया है। ऐसे दिव्यांग छात्र जो स्कूल आने में असमर्थ हैं, उन्हें 500 रुपये प्रतिमाह की दर से एस्कार्ट अलाउंस की शुरुआत की। दिव्यांग बालिकाओं को 200 रुपये प्रतिमाह की दर से स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है।
   विभाग ने 'समर्थ' मोबाइल एप पर दिव्यांग बच्चों का पंचीकरण कर उनके लिए व्यक्तिगत शैक्षिक योजना भी तैयार की। 

मध्याह्न भोजन

मध्याह्न  भोजन योजना में शामिल विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र/ छात्राओं को पौष्टिक गुणवत्तापूर्ण पका पकाया भोजन उपलब्ध कराने का काम भी विभाग कर रहा है। छात्रों को प्रति सोमवार को फल और बुधवार को दूध उपलब्ध कराया जाता है।वैश्विक  महामारी के कारण स्कूल बंद होने की स्थिति में सरकार ने 2020-21 में मध्याह्न भोजन में शामिल स्कूल में अध्ययनरत करोड़ो छात्रों के अभिभावकों के बैंक में परिवर्तन लागत की राशि के रूप में करोड़ों रूपये भेजें है।

 

मिशन प्रेरणा


मिशन प्रेरणा के अंतर्गत  कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए भाषा व गणित ज्ञान सम्बंधित लक्ष्य तय किये गये हैं। इन स्तर को पाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण, ट्रैकिंग, परिणय रिच मटेरियल और शिक्षण किट उपलब्ध कराई गयी है। विद्यालयों में पुस्तकालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करायी गयी।

शिक्षा में प्रौद्योगिकी का समावेश

बेसिक शिक्षा विभाग में पेपर लेस वर्किंग व डिजिटलीकरण के उद्देश्य से ब्लॉक, जनपद व राज्य स्तरीय बैठकों ऑनलाइन कराने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी के दौरान शिक्षण कार्य ऑनलाइन, वाट्सअप ग्रुप, दूरदर्शन ,रेडियो के माध्यम से कराया गया। ताकि बच्चे घर बैठ कर शिक्षा प्राप्त कर सकें।

मानव सम्पदा पोर्टल 

डिजिटलीकरण से स्मार्ट एडुकेशन की ओर अग्रसर शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की सेवा पुस्तिका ,अवकाश एवम वेतन सम्बन्धी कार्य' मानव सम्पदा पोर्टल' के माध्यम से कराने की शुरूआत की। इसकी सहायता से ही सारे कार्य समयबद्व व पारदर्शी तरीके से होना सुनिश्चित हुआ। 
कोरोना काल में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य  को कराने के लिए दीक्षा एप का प्रयोग किया गया। 


Kayakalp of Education system Kayakalp of Education system Reviewed by Annu on November 05, 2021 Rating: 5

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