UTTAR PRADESH : RIVERS
उत्तर प्रदेश की नदियाँ
उदगम स्त्रोतों के आधार पर आधार पर प्रदेश में तीन प्रकार की नदियां पायीं जाती हैं-
1) हिमालय की विभिन्न श्रेणियों से निकलने वाली नदियाँ
गंगा ,यमुना, रामगंगा,बाणगंगा,गंडक, सरयू(घाघरा),राप्ती, रोहिणी, बूढ़ी राप्ती, हिंडन, अरिजकोसी। ये कभी सूखती नही ,सदानीरा हैं।
2 प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में स्थित झीलों व दलदलों से निसृत नदियाँ
गोमती (गोमल) , सई, वरूणा, तमसा, कर्मनाशा। इनमें गर्मी में जल खाफी कम होता है ,लेकिन ये सूखती नहीं।
3. प्रेदेश के दक्षिणी पठार व विंध्य श्रेणी से निकलने वाली नदियाँ
चम्बल, बेतवा, केन,सोन, टोंस,रिहंद,सिंध/काली सिंध ,बेलन, चंद्रप्रभा, सजन्म,बिरमा। ये गर्मी में सूख जाती हैं और अनेक जल प्रपात भी बनाती है।
गंगा नदी
* उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के गोमुख के गंगोत्री हिमनंद से निकलती है। यहाँ पर गंगा नदी को भागीरथी कहते2।देवप्रयागके आकर अलकनंदा भागीरथी से मिलती है और संयुक्त नाम गंगा हो जाता है। हरिद्वार में ही गंगा पहाड़ों से निकलकर मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। हरिद्वार से निकलकर गंगा उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले में प्रवेश करती है। बिजनौर से होकर ,नरोरा(बुलंदशहर) ,फरुखाबाद ,कनौज पहुंचती है जहाँ रामगंगा,काली नदी आकर बायें और से गंगा नदी की मुख्य धारा में मिल जाती है। कन्नौज से कानपुर ,फतेहपुर, कौशाम्बी होते हुए गंगा नदी प्रयागराज जिले में पहुंचती है जहाँ गंगा , यमुना नदी में दाहिने ओर से मिल जाती है। यहीं पर यमुना ,गंगा और सरस्वती का संगम होता है। यहां से यमुना और गंगा की संयुक्त धारा गंगा नाम से आगे बढ़कर मिर्जापुर, वाराणसी और गाजीपुर जिले में पहुंचती है। कैथी (गाज़ीपुर) के निकट गोमती नदी और सई नदी बायें तट पे इसमें मिल जाती है। बलिया जिले के बाद गंगा नदी बक्सर जिले के निकट बिहार में प्रवेश करती है। बिहार,झारखंड, पश्चिम बंगाल से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। अन्ततः कई धाराओं में बटकर मेघना नाम से बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है।
* गंगा नदी उत्तर प्रदेश के 28 जिलों में प्रवाहित होती है।
मुज्जफरनगर, बिजनौर, मेरठ,अमरोहा, हापुड़,बुलंदशहर, अलीगढ़, सम्भल, बदायूँ, कासगंज, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव,कानपुर देहात, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी,गाजीपुर तथा बलिया।
यमुना नदी
यह उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में सिथत बन्दरपूँछ श्रेणी के पश्चिम ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमनंद से निकलती है। यह गंगा नदी के दाहिने ओर से प्रयागराज में मिल जाती है।
यमुना नदी उत्तर प्रदेश के निम्नलिखित 20 जिलों से होकर बहती है- सहारनपुर ,शामली, बागपत, गाज़ियाबाद, गौतमबुद्ध नगर,अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, जालौन, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, बाँदा ,चित्रकूट, फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज।
यमुना की सहायक नदी चम्बल, काली सिंध,बेतवा, केन।
सोन नदी
यह नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक के पठार से निकलती है। यह पटना के निकट गंगा नदी में मिल जाती है। उत्तर प्रदेश के अलावा यह नदी मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों में प्रभावित होती है।इस नदी की ब्लू5 पीले रंग की है जो सोने की तरह चमकती हौ इसलिए इसे स्वर्ण नदी भी कहते हैं
गोमती नदी
यह गंगा की एकमात्र सहायक नदी है,जिसका उद्गम स्थल मैदान में हौ। यह गोमत ताल (फुलहर झील, पीलीभीत) से निकल कर शाहजहाँपुर, खीरी, सीतापुर,लखनऊ, सुल्तानपुर जिलों में प्रवाहित होती हुई प्रदेश के गाजीपुर जिले के पास गंगा में मिल जाती है।
रामगंगा नदी
गंगा की यह सहायक नदी उत्तराखंड के दूधटोली पर्वत से निकल कर कन्नौज के निकट गंगा में मिल जाती है। यह कॉर्बेट नेशनल पार्क से होकर बहती है।
घाघरा नदी
यह नदी तिब्बत के निकट मापचाचुनगों हिमनद से निकलती है। गोण्डा तथा अयोध्या जिले में इसे सरयू नाम से जाना जाता है।छपरा (बिहार) के निकट गंगा नदी में मिल जाती है।
काली नदी (शारदा)
यह नदी पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) जिले में स्थित कालापानी नामक स्थान से होता है। कालापानी में स्थित काली माता के मंदिर के नाम पर इस नदी का नाम रखा गया है। बनवासा में इसे शारदा नदी कहा जाता है।
चम्बल नदी(चर्मनवती)
यह नदी मध्यप्रदेश के मालवा पठार पर स्थित महू से निकलकर राजस्थान ,उत्तर प्रदेश में इटावा से लगभग 40किमी. पूर्व पंचनदा स्थान पर यमुना नदी पर मिल जाती है। यह भारत की सर्वाधिक अपरदन करने वाली नदी है। इसे 'बीहड़ बनाने वाली 'नदी भी कहते हैं। पशुओं की चमड़ी को इस नदी के तट पर सुखाने के कारण इसे 'चर्मनवती 'भी कहा जाता है।
बेतवा नदी(वेत्रवती)
यह नदी मध्यप्रदेश के रायसेन के कुमरागाँव से निकलकर हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
UTTAR PRADESH : RIVERS
Reviewed by Annu
on
February 16, 2023
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