UTTAR PRADESH : GEOGRAPHICAL DIVISION
उत्तर प्रदेश का भौतिक विभाजन
उत्तराखंड के गठन से पूर्व राज्य में तीन भू-भाग थे-- पर्वतीय, मैदान क्षेत्र, दक्षिण का पठारी क्षेत्र
उत्तराखंड के गठन के बाद पूरा पर्वतीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश से कट गया।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तीन भौतिक क्षेत्र हैं-
1. उत्तर में - भाबर व तराई क्षेत्र
2. मध्य में - मैदानी क्षेत्र
3. दक्षिण में - पठारी एवं पहाड़ी क्षेत्र
* भाबर क्षेत्र - (सहारनपुर से कुशीनगर तक) -- यह क्षेत्र कंकड़ - पत्थर से निर्मित पर्वतीय भू- भाग है। इस क्षेत्र में नदियाँ लुप्त हो जाती हैं तथा तराई क्षेत्र में पुनः प्रकट होती हैं ।
* तराई क्षेत्र - यह महीन अवसादों से निर्मित दलदली एवम गाद वाला क्षेत्र है। यह क्षेत्र भाबर के दक्षिण में स्थित है तथा यहाँ की नम जलवायु, स्वास्थ्य के लिए कम अनुकूल है।
*मैदानी क्षेत्र- यह क्षेत्र यमुना व गंडक नदियों के बीच के क्षेत्र में स्थित है। इसे 'गंगा - यमुना दोआब' भी कहते हैं। यह मैदान काँप मिट्टी से बना है। इस मैदान की ढाल उत्तर- पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम है। मैदानी क्षेत्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है- बाँगर और खादर क्षेत्र ।
बाँगर क्षेत्र पुरानी जलोढ़ (काँप) वाला क्षेत्र है तथा खादर क्षेत्र नई जलोढ़(काँप) जो कि अत्यंत उपजाऊ मिट्टी है वाला क्षेत्र है । खादर क्षेत्र में हर साल नदियों द्वारा उपजाऊ मिट्टी लाई जाती है।
* दक्षिणी पठार क्षेत्र - इसके अंतर्गत बुंदेलखंड व बाघेलखण्ड भू भाग आते हैं। यह दक्कन के पठार का उत्तरी विस्तार है। इसकी औसत ऊंचाई 300 मीटर है ।
बघेलखण्ड - इस पठारी भू भाग में पठार का अधिकांश भाग आता है। इसकी औसत ऊँचाई 250 मीटर है। इसकी प्रमुख नदी सोन नदी है।
बुंदेलखंड -यह पठार प्राचीनतम शैलों या विंध्य क्रम की शैलों से निर्मित है तथा इस पठार में प्री कैम्ब्रियन युग की चट्टानों के बाहुल्य है। इस पठार की औसत ऊँचाई 300 मीटर है। इस पठार की सर्वोच्च पहाड़ी सोनकर पहाड़ी है ।
UTTAR PRADESH : GEOGRAPHICAL DIVISION
Reviewed by Annu
on
August 04, 2022
Rating:
No comments: